मुंबई, 12 जुलाई (आईएएनएस)। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री काजोल 'बाजीगर', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'गुप्त', 'इश्क', 'दुश्मन', और 'कुछ कुछ होता है' जैसी यादगार फिल्मों के लिए जानी जाती हैं। अपनी पुरानी फिल्मों को लेकर उन्होंने कहा कि पहले के जमाने में फिल्मों का असर लोगों पर ज्यादा होता था, क्योंकि सिनेमा हॉल ही एकमात्र जगह होती थी जहां लोग अपने पसंदीदा सितारों को देख सकते थे। उस वक्त टीवी या मोबाइल पर फिल्में आसानी से नहीं मिलती थीं, इसलिए लोग फिल्मों को बहुत खास मानते थे और उनकी यादें भी लंबे समय तक बनी रहती थीं।
उन्होंने आगे कहा कि आजकल सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के बढ़ते चलन से फिल्मों को लेकर उत्साह और याददाश्त पहले के मुकाबले काफी कम हो गई हैं।
जब काजोल से पूछा गया कि आज रिलीज हुई फिल्मों की याददाश्त पहले वाली फिल्मों जैसी क्यों नहीं है, इस पर काजोल ने आईएएनएस से कहा, "मुझे लगता है कि आज भी कुछ फिल्में अच्छी और याद रखने लायक होती हैं, लेकिन शायद उनकी संख्या कम है। मैं ये नहीं कहूंगी कि आज ऐसी कोई फिल्म नहीं है।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि पहले समय में सिर्फ सिनेमा हॉल ही एकमात्र तरीका था अपने पसंदीदा सितारों को देखने का। अगर किसी को शाहरुख खान को देखना होता था, तो उसे थिएटर जाना पड़ता था। अगर कोई अजय देवगन का फैन होता था, तो वो भी उन्हें देखने सिनेमा हॉल जाता था।"
अभिनेत्री ने कहा, "उस समय न सोशल मीडिया था, न ओटीटी। कुछ भी नहीं था। अगर किसी को अपने पसंदीदा अभिनेता या अभिनेत्री को देखना होता था, तो उन्हें सिनेमा हॉल जाना होता था। जब किसी चीज को देखने या अनुभव करने का सिर्फ एक ही तरीका होता है, तो वही अनुभव सबसे गहरी याद बन जाता है।"
उन्होंने कहा, "जब किसी चीज को देखने के लिए 15 अलग-अलग तरीके होते हैं, तो शायद वो उतनी गहराई से आपके दिल में नहीं बसती।"
वर्कफ्रंट की बात करें तो वह जल्द ही कायोज ईरानी की फिल्म 'सरजमीन' में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म में सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान डेब्यू कर रहे हैं। वहीं पृथ्वीराज सुकुमारन भी अहम भूमिका में हैं।
यह फिल्म 25 जुलाई को जियो हॉटस्टार पर रिलीज होगी।
इसके अलावा, वह फिल्म 'महारागिनी- क्वीन ऑफ क्वीन' में भी दिखाई देंगी। फिल्म के निर्देशन की कमान चरण तेज उप्पलपति संभालेंगे। फिल्म से उप्पलपति का बॉलीवुड डेब्यू होगा।
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