नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत की जीडीपी की विकास दर चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रह सकती है। वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही में विकास दर 6.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क रेटिंग की ओर से वित्त वर्ष 26 की विकास दर से लिए अनुमान को बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले 6.8 प्रतिशत था।
रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अनुमान में वृद्धि की वजह निजी उपभोग में बढ़त, मजबूत निवेश गतिविधि, पूंजीगत खर्च में वृद्धि, अच्छा मानसून, व्यापार विविधीकरण और जीएसटी रिफॉर्म का सकारात्मक असर है।
ब्रिकवर्क रेटिंग के मुताबिक, जीएसटी दरों में कटौती वैश्विक व्यापार से जुड़ी चुनौतियों की आंशिक रूप से भरपाई कर सकती हैं। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी के कारण महंगाई में नरमी जारी रह सकती है। हालांकि, वैश्विक चुनौतियां घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए अभी भी जोखिम बनी हुई हैं।
ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मॉडल डेवलपमेंट एंड रिसर्च के हेड राजीव शरण ने कहा, "घरेलू डिमांड और सुधार की रफ्तार अर्थव्यवस्था को एक मजबूत नींव देती है, लेकिन बाहरी जोखिमों- जिसमें टैरिफ एक्शन, ग्लोबल डिमांड में नरमी और एनर्जी इंपोर्ट पर निर्भरता शामिल है – पर लगातार नजर रखने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा कि भारत की मजबूत सेक्टोरल रफ्तार मैक्रोइकोनॉमिक मजबूती को बढ़ा रही है। साथ ही, आय को भी मजबूत कर रही है। हालांकि सेक्टोरल असंतुलन निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए बड़े डायवर्सिफिकेशन की जरूरत को दिखाता है।
हालांकि, ग्लोबल मुश्किलें – खासकर यूरोप और चीन में कमजोर मांग और यूएस टैरिफ – निर्यात पर असर डाल सकती हैं, लेकिन सरकारी कैपेक्स और डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग से घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
ब्रिकवर्क रेटिंग ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही के लिए आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है, जिसे इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च, मैन्युफैक्चरिंग इंसेंटिव और तीसरी तिमाही में कंज्यूमर खर्च में बढ़ोतरी से सपोर्ट मिलेगा।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2025 के आखिर तक माइनिंग और बिजली में रिकवरी से आईआईपी ग्रोथ को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
--आईएएनएस
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