कांटी विधानसभा सीट: 2020 में राजद ने 15 साल बाद की थी वापसी, इस बार बरकरार रख पाएगी सीट या जदयू मारेगी बाजी?

IANS | October 28, 2025 12:38 PM

पटना, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित कांटी विधानसभा क्षेत्र एक सामान्य वर्ग की सीट है, जो वैशाली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यह विधानसभा क्षेत्र कांटी और मरवां सामुदायिक विकास खंडों को मिलाकर बना है। राजनीतिक और औद्योगिक, दोनों दृष्टियों से कांटी का विशेष महत्व है।

बिहार चुनाव : भाजपा की लगातार चौथी जीत के बाद बदलेंगे बाढ़ विधानसभा के समीकरण?

IANS | October 27, 2025 11:45 PM

पटना, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के राजनीतिक नक्शे पर कुछ सीटें ऐसी होती हैं, जो सिर्फ चुनाव क्षेत्र नहीं, बल्कि अपनी एक गहरी पहचान और उपनाम के साथ जानी जाती हैं। बाढ़ विधानसभा क्षेत्र भी उन्हीं में से एक है जिसे ‘पटना का मिनी चित्तौड़गढ़’ कहा जाता है। यह उपनाम अनायास नहीं मिला। यह इलाके में राजपूत मतदाताओं के सदियों पुराने दबदबे और बोलबाले की कहानी कहता है।

गोपालपुर विधानसभा सीट: जदयू के बागी गोपाल मंडल का विद्रोह, पार्टी ने नए चेहरे पर चला दांव

IANS | October 27, 2025 11:33 PM

भागलपुर, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बज चुकी है। इस चुनाव में गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र सुर्खियों में है।

बिहार चुनाव : जदयू और राजद आमने-सामने, इस बार टूट पाएगा अनंत सिंह का तिलिस्म?

IANS | October 27, 2025 11:13 PM

पटना, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। गंगा के दक्षिणी तट पर बसा मोकामा विधानसभा सिर्फ पटना से 85 किलोमीटर दूर नहीं, बल्कि बिहार की राजनीतिक नब्ज का एक अहम हिस्सा है। कभी इसे 'उत्तर बिहार का प्रवेश द्वार' कहा जाता था, क्योंकि यहां मौजूद राजेंद्र सेतु (रेल सह सड़क पुल) लंबे समय तक उत्तर बिहार को जोड़ने वाला एकमात्र रास्ता था। आज भी, जब बिहार विधानसभा चुनाव की बात आती है, तो सभी की निगाहें पटना जिले की इस सीट पर भी टिकी रहती हैं।

बिहार चुनाव : तेज प्रताप यादव फिर महुआ से मैदान में उतरे, परिवार से दूरी और राजद से सीधी टक्कर

IANS | October 27, 2025 8:39 PM

पटना, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। महुआ विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में हमेशा चर्चा में रही है। यह लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की राजनीतिक कर्मभूमि है। यह विधानसभा क्षेत्र बिहार के वैशाली जिले में स्थित है, जो हाजीपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। 1972 में जब मुजफ्फरपुर जिले का विभाजन कर वैशाली जिला बनाया गया था, तब महुआ को ब्लॉक से उपखंड का दर्जा दिया गया था।

बिहार चुनाव 2025: बक्सर सीट पर कांग्रेस लगाएगी हैट्रिक या प्रशांत किशोर जीत बिगाड़ेंगे खेल?

IANS | October 27, 2025 8:21 PM

पटना, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। बक्सर विधानसभा सीट बक्सर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इसमें बक्सर सदर और चौसा प्रखंड शामिल हैं। इस बार बक्सर विधानसभा सीट से 15 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। भाजपा ने आनंद मिश्रा को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने संजय तिवारी पर भरोसा जताया है। वहीं, जन सुराज पार्टी से तथागत हर्षवर्धन चुनाव लड़ रहे हैं।

बिहार चुनाव : राजपुर में 1980 के बाद 2020 में मिली कांग्रेस को दूसरी जीत, इस बार जदयू के पास बदला लेने का मौका?

IANS | October 27, 2025 7:57 PM

पटना, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजपुर विधानसभा बिहार के बक्सर जिले की एक महत्वपूर्ण सीट है। यह सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है और बक्सर लोकसभा के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है।

बिहार चुनाव : डुमरांव में कभी नहीं जीती भाजपा, 2020 में भाकपा-माले ने परचम लहराया

IANS | October 27, 2025 7:48 PM

पटना, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। डुमरांव के मतदाता एक बार फिर अपने जनप्रतिनिधि का चयन करने को तैयार हैं। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक डुमरांव विधानसभा क्षेत्र बक्सर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह विधानसभा क्षेत्र ऐतिहासिक, धार्मिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध रहा है।

तेजस्वी को कोई ज्ञान नहीं, वक्फ कानून राज्य सरकार नहीं हटा सकती : किरेन रिजिजू

IANS | October 27, 2025 6:58 PM

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच राजद नेता और महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे। इस पर सियासत तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इसे अब राज्य सरकार नहीं हटा सकती है।

बिहार चुनाव : पालीगंज की जनता ने हर बार लिखी नई पटकथा, इस बार ऐसे बन रहे समीकरण

IANS | October 27, 2025 4:57 PM

पटना, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी पटना से लगभग दक्षिण-पश्चिम में सोन नदी के किनारे बसा पालीगंज, सिर्फ एक अनुमंडल स्तरीय कस्बा नहीं, बल्कि बिहार की ग्रामीण राजनीति का एक ऐसा अखाड़ा है, जहां मतदाता किसी एक दल या व्यक्ति के प्रति लंबे समय तक अटल नहीं रहते। यहां की राजनीतिक मिट्टी हर चुनाव में एक नया रंग दिखाती है, जिसका सबसे बड़ा प्रमाण 2020 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला।